दरवाजा खोला।
उन्होंने बाहर झांका तो एक मानव को सामने खड़ा पाया। यमराज ने कुछ बोलने के लिए मुंह खोला ही था कि वह एकाएक गायब हो गया।
यमराज चौंके और फिर दरवाज़ा बंद कर लिया। यमराज अभी वापस मुड़े ही थे कि फिर दस्तक हुई। उन्होंने फिर दरवाजा खोला। उसी मानव को फिर सामने मौजूद पाया, लेकिन वह आया और फिर गायब हो गया।
ऐसा तीन-चार बार हुआ तो यमराज अपना धैर्य खो बैठे और अबकी बार उसे पकड़ ही लिया और पूछा, "क्या बात है भाई, क्या ये आना-जाना लगा रखा है। मुझसे पंगा ले रहे हो?"
मानव ने बड़ी सहजता पूर्वक जवाब दिया, "अरे नहीं महाराज, दरअसल मैं तो वैंटीलेटर पर हूं और यह डॉक्टर लोग ही हैं जो आपसे मस्ती कर रहे हैं।"
opened the door.
When he looked outside, he found a human standing in front. Yamraj had just opened his mouth to say something that he suddenly disappeared.
Yamraj was shocked and then closed the door. Yamraj had just turned back when there was a knock again. He opened the door again. He again found the same human present in front, but he came and then disappeared.
When this happened three or four times, Yamraj lost his patience and this time caught hold of him and asked, "What's the matter, brother, is this going on and on. Are you messing with me?"
Manav simply replied, "Oh no sir, actually I am on ventilator and these doctors are the people who are having fun with you."
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